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पक्ष एवं विपक्ष के सभी पार्टीयों को राजद से ही सीधी मुकाबला - बिपीन सिंहवैत

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बिहार । मधुबनी: विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे में फंसे पेच का ठीकरा भले ही राजद नेता सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के माथे पर फोड़ा जा रहा हो, लेकिन प्रदेश महासचिव सह लोकसभा पूर्व प्रत्याशी बिपीन कुमार सिंहवैत को ऐसा नहीं लगता है। राजद नेता बिपीन सिंहवैत ने सोशल मीडिया माध्यम से दो टूक शब्दों में कहा है कि कांग्रेस राजद पर दबाव डालकर अधिक सीट लेकर चुनाव जीतने के बाद नीतिश को सरकार बनाने में मदद करना ही कांग्रेस का असल मकसद है नीतिश कांग्रेस का लगभग डील फिक्स है।

राजद का सक्रिय पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता होने के नाते राजद सुप्रीमो आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी एवं बिहार के भावी मुख्यमंत्री युवा हृदय सम्राट तेजस्वी यादव जी को कहना चाहता हूं कि आपको किसी के आगे झूकने की कोई आवश्यकता नहीं है पूरा बिहार आपको मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस बार तैयार है युवाओं के तुफान के आगे नीतिश कुमार की एक नहीं चलने वाली है- बिपीन सिंहवैत, प्रदेश महासचिव सह लोकसभा पूर्व प्रत्याशी

श्री सिंघवैत का कहना हैं कि महागठबंधन का गठन NDA को रोकने के लिए किया गया था। भाजपा एवं जदयू को रोकने की जितनी जिम्मेदारी राजद की है उतनी ही कांग्रेस सहित अन्य महागठबंधन में शामिल छोटे दलों की हैं। कांग्रेस सहित अन्य घटक दलों को अच्छी तरह पता है कि राजद बिहार में सबसे बड़ी जनाधार वाली पार्टी है और वर्तमान में महागठबंधन ही नहीं पूरे बिहार में मुख्यमंत्री के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरा तेजस्वी यादव हैं। महागठबंधन में शुरू से ही जीतनराम मांझी एवं उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद को लेकर दिमाग खराब करने वाला पार्टी कांग्रेस ही है। सबसे पहले महागठबंधन से मांझी को भगाया फिर कुशवाहा को अब खुद भागना चाहती है, ये सभी चीजें पहले से सुनियोजित था और ये इतना बड़ा षडयंत्र कांग्रेस बहुत पहले से कर रही है। 

आगे श्री सिंघवैत का कहना हैं, कांग्रेस राजद पर दबाव डालकर अधिक सीट लेकर चुनाव जीतकर बाद में नीतिश को सरकार बनाने में मदद करना ही कांग्रेस का असल मकसद है नीतिश कांग्रेस का डील फिक्स है और नीतिश कुमार भी भाजपा पर दबाव डालकर BJP से अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर बाद में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का प्लानिंग कर चुका है। वर्तमान में कांग्रेस के नेता एवं विधायकों का बिकना आम बात सी गई है कांग्रेस का सीधा एजेंडा है राजद पर दबाव डालकर ज्यादा सीट लेना और चुनाव के बाद नीतिश के हाथों अपने विधायकों को बिकवाना। गठबंधन का अर्थ होता है आपस में मजबूति प्रदान करना न कि विरोधी को कांफिडेंस देना कांग्रेस का रवैया और मंशा बिल्कुल साफ दिख रहा है ये NDA को फायदा पहुंचाने का मंसूबा पाल रखा है कांग्रेस का बिहार में राजद के बीना कोई अस्तीत्व नहीं है अगर नीतिश को फायदा पहुंचाने के मकसद से अकेले चुनाव कांग्रेस लड़ने का मन बना ही लिया है तो उन्हें स्वतंत्र कर दिया जाए। किसी भी राजनैतिक दल को ये कदापि नहीं भूलना चाहिए कि बिहार के 30 वर्षों के राजनीतिक इतिहास में अगर कोई एकदल अपने बल पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का कार्य किया है तो लालू यादव जी के अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनता दल ही किया है।

अंत में कहे एकबात और स्पष्ट कर दूं किसको पता था की 2019 में भाजपा 2014 से भी ज्यादा सीट लाकर सरकार बना लेगी खुद RSS के आंतरिक सर्वे में भाजपा को 149 सीट ही मिलरहा था परंतु परिणाम क्या आया एक दो मुद्दें हावी हुए और BJP पहले से भी ज्यादा मजबूती से सरकार बनाने में कामयाब रहा। बिहार में तो नीतिश सरकार को हराने के लिए हमारे पास 57 मुद्दें है इसलिए राष्ट्रीय जनता दल को बिहार में सिर्फ कम्यूनिस्ट पार्टी से ही गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहिए, यह मेरा व्यक्तिगत राय है।

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3 Comments
  1. तेज रफ्तार तेजस्वी सरकार
    जय हो बिपीन कुमार यादव भैया

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